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युवा ने पेश की एक अलग ही मिसाल मनाया अनोखा जन्मदिन

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आम तौर पे हम समाज में देखते है जन्मदिन के दिन पे बड़े होटल या रेस्ट्रो में दोस्तो के साथ जा कर मनाते है और तमाम तरह से जन्मदिन को मानते है 
और वही कुशीनगर के अंकित दिवेदी नाम के युवा ने पेश की एक अलग मिसाल और मनाया जन्मदिन को कुछ अलग ही तरीके से लखनऊ के इंद्रानगर स्थित शाई मंदिर पर तमाम गरीब वृद्ध असहाय महिलाओं को भोजन और कंबल देकर अपने जन्मदिन को खाश अंदाज में मनाया 

बहराइच के जंगलों से हो रही सरकारी लकड़ियों चोरी? जनिए पूरा मामला

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बहराइच के जंगलों में हो रहा सरकारी पेड़ों की लकड़ियों का बंदरबांट वहां के अधिकारी एवं कर्मचारी के द्वारा।
अवैध रूप से बहराइच वन प्रभाग रेंज चकिया के भरहा बिट के कछ संख्या 12 से सरकारी वृक्ष कटा
 जो कि आला अधिकारी रामविलास सिंह यादव वन क्षेत्र अधिकारी के पद पर कार्यरत है और इनके साथ वन दरोगा सियाराम तथा वनरक्षक महर्षि कुमार बाजपेई , दैनिक श्रमिक और मनु ईश्वर यादव इत्यादि लोग सम्मिलित होकर अपने द्वारा अवैध रूप सेजंगल के पेड़ों काटने और चिरान वन विभाग कि भरहा चौकी पर ठिकाने लगाने का काम किया जा रहा है
आए दिन ऐसा काम किया जा रहा और ग्रामीण इसके साक्ष्य है सरकार इसे संज्ञान में ले अधिकारियों की मनमानी ना चले और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।जिसे जंगल को संरक्षित रख सके
 

9 अल-कायदा के आतंकवादी केरल में गिरफ्तार, बंगाल में छापे: जांच एजेंसी एनआईए

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को कहा कि उसने भारत में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए पाकिस्तान प्रायोजित अल-कायदा मॉड्यूल योजना का भंडाफोड़ किया है और दिल्ली एनसीआर सहित कई स्थानों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और केरल के एर्नाकुलम में एक साथ छापे में शनिवार सुबह मॉड्यूल के नेता सहित नौ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।


प्रारंभिक जांच के अनुसार, गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान स्थित अल-कायदा के आतंकवादियों ने कट्टरपंथी बनाया और दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित कई स्थानों पर हमले करने के लिए प्रेरित किया। इस उद्देश्य के लिए, मॉड्यूल - मुर्शिदाबाद निवासी अबू सुफियान के नेतृत्व में, जो गिरफ्तार 9 में से एक है - सक्रिय रूप से धन उगाहने में शामिल था और गिरोह के कुछ सदस्य हथियार और गोला-बारूद की खरीद के लिए नई दिल्ली की यात्रा करने की योजना बना रहे थे। हथियारों को पहुंचाने के लिए कश्मीर की यात्रा की योजनाएं शामिल थीं। एनआईए ने कहा कि शनिवार की गिरफ्तारी से देश के विभिन्न हिस्सों में संभावित आतंकवादी हमले पहले से संभव हैं।


गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों की पहचान की गई है - मुर्शिद हसन, इयाकुब विश्वास और मोसरफ हुसैन, ये तीनों वर्तमान में एर्नाकुलम, केरल में स्थित हैं; नजमुस साकिब के अलावा, अबू सुफियान, मन्नुल मोंडल, लेउ यीन अहमद, अल मामुन कमाल और अतितुर रहमान, सभी आर / ओ मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल। केरल में गिरफ्तार लोगों में सभी नौ पश्चिम बंगाल के हैं। एनआईए ने पहले पश्चिम-बंगाल और केरल सहित भारत के विभिन्न स्थानों पर अल-कायदा के गुर्गों के एक अंतर-राज्य मॉड्यूल के बारे में सीखा था और 11 सितंबर, 2020 को इस संबंध में एक मामला दर्ज किया था। समूह महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमलों की योजना बना रहा था। भारत में निर्दोष लोगों को मारने और उनके दिमाग में आतंक फैलाने के उद्देश्य से, एनआईए ने कहाकी गई नौ गिरफ्तारियों में से छह पश्चिम-बंगाल और तीन केरल की थीं। डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों, जिहादी साहित्य, तेज हथियार, देश-निर्मित आग्नेयास्त्रों, स्थानीय स्तर पर निर्मित शरीर कवच, घर बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लेखों और साहित्य सहित बड़ी मात्रा में घटिया सामग्री को अपने कब्जे से जब्त कर लिया गया है। पटाखे, स्विच और बैटरी के बक्से, जो एनआईए ने कहा कि आईईडी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, मुर्शीदाबाद में अबू सुफियान के घर से गिरफ्तार आरोपियों से बरामद किया गया था। नौ आतंकवादियों को पुलिस हिरासत और आगे की जांच के लिए केरल और पश्चिम बंगाल में संबंधित अदालतों के समक्ष पेश किया जाएगा।

सेना ने LAC पर अगले एक साल के लिए की तैयारी, सैनिकों को लिए 'एडवांस विंटर स्टॉक' शुरू किया

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 दिल्ली: पिछले चार महीनों से पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव खत्म होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में भारतीय सेना एक लंबे टकराव की तैयारी कर रही है. इसके लिए सेना ने सैनिकों को लिए 'एडवांस विंटर स्टॉक' शुरू कर दिया है.


क्योंकि पूर्वी लद्दाख के जिन इलाकों में भारतीय सेना का चीन से टकराव चल रहा है वो बेहद ही दुर्गम इलाका है और वहां तक सर्दियों के मौसम में सप्लाई लाइन को सुचारू रूप से चलाना बेहद मुश्किल काम होता है. आखिरकार भारत की सर्दियों के मौसम के लिए क्या तैयारिया हैं. ये जानने के लिए एबीपी न्यूज की टीम सेना के फॉरवर्ड सप्लाई डिपो पर पहुंची. यहां सेना के गोदामों में खाने-पीने का स्पेशल राशन से लेकर ड्राइ राशन से अटे पड़े हैं. टॉफी-चॉकलेट, बॉनबिटा से लेकर दाल, चावल, आटा, बेसन सब कुछ गोदामों में भरा पड़ा है.


एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लुजिव जानकारी के मुताबिक, लेह-लद्दाख में तैनात 14वीं कोर में अगले एक साल का स्टॉक पूरा कर लिया गया है. यानि अगर लेह-लद्दाख में अगले एक साल तक भी कोई सप्लाई ना हो तब भी एलएसी पर तैनात 50 हजार सैनिकों के खाने पीने का इंतजाम है. ये इसलिए मुमकिन हो पाया है क्योंकि भारतीय सेना 13 लाख सैनिकों के साथ दुनिया की दूसरी सबसए बड़ी सेना है. इतनी बड़ी सेना की जरूरतों के लिए भारत हमेशा तैयार रहता है. साफ है कि भारतीय सेना भी दुनिया की दूसरी सेनाओं की तरह है 'आर्मी मार्चेस ऑन इट्स स्टोमक' पर विश्वास करती है.


लद्दाख में सेना के ना केवल गोदाम राशन और खाने पीने से भरे पड़े हैं बल्कि फ्यूल डिपो तक फुल हैं. सेना की मूवमेंट यानि ट्रक से लेकर दूसरी गाड़ियों और सैनिकों के हीटर और खास बुखारी-अंगठियों के लिए जरूरत तेल से पूरी डिपो भरा हुआ है. सुरक्ष की दृष्टि से एबीपी न्यूज सैकड़ों एकड़ में फैल फॉरवर्ड फ्यूल डिपो को नहीं दिखा सकता, लेकिन सेना की आर्मी सर्विस कोर (एएससी) के संचालित इस डिपो से एक बार गाड़ियों के काफिले को निकालता देख इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है.


लेह स्थित 14वीं कोर के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल अरविंद कपूर ने एबीपू न्यूज से साफ कहा कि पिछले 20 सालों में भारतीय सेना ने लद्दाख में अपने ऑप्स-लॉजिस्टिक यानि ऑपरेशन्स से जुड़े लॉजिस्टिक की जरूरतों पर पूरी तरह से काबू कर लिया है. साथ ही अब किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. सेना की फॉरवर्ड लोकेशन्स पर खड़ी गाड़ियों और हाईवे पर गुजरते सेना के ट्रकों को देखकर सहज अंदाजा लगाय जा सकता है कि भारत की चीन के खिलाफ कैसी तैयारियां हैं. मेजर जनरल कपूर के मुताबिक, ना केवल खाने पीने का सामान बल्कि भारतीय सेना को एम्युनिशेन-डिपो‌ यानि गोला-बारूद भी पर्याप्त मात्रा में हैं.


एबीपी न्यूज़ इस दौरान सेना के एक वर्कशॉप पहुंचा जहां बोफोर्स तोप और एंटी एयरक्राफ्ट गन की रिपेयर चल रही थी. यानि वॉर फाइटिंग इक्युपमेंट को मिशन-कैपेबल बनाया जा रहा था. आपको बता दें कि सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर (14वीं कोर) की ऑप्स-लॉजिस्टिक्स (ऑपरेशन-लॉजिस्टिक्स) विंग ने दूर-दराज सरहद पर तैनात सैनिकों को खाना-पीना और राशन इत्यादि को पहुंचाना शुरू कर दिया है, फिर वो कितनी ही विषम परिस्थितियां क्यूं ना हों. इसके लिए सेना की सर्विस कोर (आर्मी सर्विस कोर) से लेकर एविएशन-विंग और वायुसेना की मदद ली जा रही है.


यहां ये बताना भी जरूरी है कि सेना के लिए करगिल-द्रास से लेकर सियाचिन और पूर्वी लद्दाख में सप्लाई करना कोई नया काम नहीं है. करगिल-द्रास और सियाचिन भी उसी लद्दाख का हिस्सा हैं जहां एलएसी पर चीन से इनदिनों टकराव चल रहा है. लेकिन इस बार मुश्किल बड़ी इसलिए है क्योंकि अब पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की संख्या दो से ढाई गुना ज्यादा है.


एक अनुमान के मुताबिक, सर्दियों के मौसम के लिए हर साल पूरे लद्दाख में तैनात पूरी एक कोर (जिसमें 30-40 हजार सैनिक होते हैं) करीब 3 हजार मैट्रिक टन राशन की जरूरत पड़ती है, ऐसे में अब ये तीन गुना बढ़ गया है. सैनिकों के राशन में पैकेड फूड, दाल, फ्रूट जूस इत्यादि रहता है. सूखा आटा, चावल, दावल, मीट भी‌ सेना की फील्ड-फॉरमेशन्स को उनकी जरूरत के हिसाब से भेजी जाती हैं.


यहां पर ये भी समझना जरूरी है कि पूर्वी लद्दाख दुनिया के सबसे दुर्गम इलाकों में से एक है. वहां तक पहुंचने के लिए दुनिया के कम से कम तीन या चार सबसे उंचाई और खतरनाक दर्रो को पार करना पड़ता है. पूर्वी लद्दाख तक पहुंचने के लिए एक रूट है श्रीनगर और सोनमर्ग के जरिए करगिल-द्रास और लेह के जरिए. नेशनल हाईव नंबर वन (1) के जरिए यहां से पहुंचा तो जा सकता है लेकिन ये रूट दुनिया के सबसे खतरनाक दर्रे, जोजिला-पास से होकर गुजरता है.


ये रूट साल में छह महीने (अक्टूबर-मार्च) के लिए बंद रहता है. क्योंकि इस दर्रे के करीब 25-30 किलोमीटर के स्ट्रेच पर जमकर बर्फबारी होती है जिससे ये रास्ता पूरी तरह से बाकी देश से कट जाता है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनेजाइजेशन यानि बीआरओ हर साल मार्च-अप्रैल में इस रास्ते पर जमी कई फीट उंची बर्फ को हटाकर या काटकर ये रास्ता खोलता है. तबतक ये रास्ता पूरी तरह बंद रहता है.


दूसरा रूट है कुल्लु-मनाली और रोहतांग पास से कारू पहुंचना का. लेकिन रोहतांग पास भी साल में चार-पांच महीने बंद रहता है. रोहतांग टनल पर काम जोरो-शोरो से चल रहा है ताकि ये रूट 12 महीने खुला रहे. लेकिन अभी भी इस टनल का काम पूरा नहीं हो पाया है.


लेकिन लेह और कारू तक पहुंचने के बाद भी राशन और दूसरी सप्लाई को पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी, डेपासांग प्लेन्स, गलवान घाटी, गोगरा और पैंगोंग-त्सो लेक से सटे फिंगर-एरिया तक पहुंचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. पूर्वी लद्दाख से सटे इन इलाकों तक पहुंचने के लिए दुनिया की तीसरी सबसे उंची सड़क, चांगला-पास यानि दर्रे से होकर गुजरना पड़ता है, जिसकी ऊंचाई करीब साढ़े सत्रह हजार (17,500) फीट है.


ट्रकों के जरिए सैनिकों के लिए खाने-पीने का सामान और राशन पहुंचाया जाता है. इस सड़क पर सर्दियों के मौसम में भारी बर्फ होती है और एवलांच का खतरा भी बना रहता है. ऐसे में सप्लाई को अक्टूबर के मौसम तक में ही पहुंचाने की कोशिश रहेगी. चांगला पास से आगे का सफर काफी मैदानी-क्षेत्र से होकर गुजरता है. चांगला से दुरबुक-श्योक-गलवान-डीबीओ रोड तक ट्रक आसानी से जा सकते हैं.


ऐसे ही दुरबुक से दूसरा रूट लुकुंग और पैंगोंग-त्सो लेक के लिए चला जाता है. लुकुंग से एक रास्ता फोबरांग और दुनिया की सबसे उंची सड़क, मरसिमक-ला (तिब्बती भाषा में दर्रे को ला कहते हैं) के जरिए चंग-चेनमो नदी होते हुए हॉट-स्प्रिंग के लिए चला जाता है. फोबरांग से ही एक दूसरा रास्ता फिंगर एरिया के लिए चला जाता है.


उत्तरी कमान की ऑप्स-लॉजिस्टिक लेह स्थित कोर के साथ मिलकर सेना की एविएशन विंग और वायुसेना के साथ मिलकर भी सर्दियों के मौसम में सैनिकों तक राशन, दवाई और दूसरा जरूरी सामान भी भेजता है. इसके लिए दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू से वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स में सामान लाद कर भेजा जाता है. लेह पहुंचने के बाद इस राशन को सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स के जरिए डीबीओ, नेयोमा और फुकचे एडवांस लैंडिग ग्राउंड भेजा जा रहा है.


वहां से सेना की सर्विस कोर के जवान इस सामान को सरहद पर तैनात सैनिकों तक पहुंचा रही है. लेकिन वहां तक पहुंचना भी कोई आसान काम नहीं है. इस समय पूर्वी लद्दाख से सटी सीमावर्ती इलाकों में सैनिक 15-16 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात हैं. वहां तक पैदल ही खाने-पीने का सामान सैनिकों तक पहुंचाया जा रहा है.


आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही एबीपी न्यूज ने अपनी खास रिपोर्ट में बताया था कि इन दुर्गम इलाकों में सैनिकों के लिए खाना-पीना और राशन सहित गोला-बारूद और सैन्य साजो सामान पहुंचाने के लिए सेना की आरवीसी कोर यानि रिमाउंटेंड एंड वेटनरी कोर डीआरडीओ की लेह स्थित, डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई ऑल्टिट्यूड रिसर्च (डीएएचआईआर) लैब में डबल-हंप बैक्ट्रियन कैमल यानि उंटों को पैट्रोलिंग से लेकर सामान उंचे पहाड़ों तक ले जाने के लिए तैयार कर रही है.


ये खास तरह के उंट लद्दाख की नुब्रा-वैली में पाए जाते हैं और यहां की जलवायु और क्षेत्र से पूरी तरह वाकिफ हैं. लेकिन इन बैक्ट्रियन उंटों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में राजस्थान में पाए जाने वाले ऊंटों को भी डीएएचआईआर लैब में तैयार किया जा रहा है ताकि इन्हें भी सेना की मदद में तैनात किया जा सके.


लेह स्थित डीआरडीओ की ये लैब लद्दाख की जलवायु और भू-भाग के अनुसार सब्जियों और फलों की प्रजातियां तैयार करती है. ताकि इस‌ इलाके के दूर-दराज गांवों में किसान इन्हें बड़ी मात्रा में उगा सकें और सेना की यूनिट्स तक पहुंचा सकें ताकि सैनिकों को ताजी सब्जी, फल और भरपेट खाना मिल सके. क्योंकि पुरानी कहावत है- आर्मी मार्चेस ऑन इन स्टोमक यानि सेना पेट के बल आगे बढ़ती है. अगर पेट खाली हुआ तो सैनिक जंग के मैदान में आगे नहीं बढ़ पाएंगे.


हाल ही में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने लेह-लद्दाख का दौरा किया था. इस दौरान जनरल नरवणे ने एलएसी पर चीन के खिलाफ सेना की तैयारियों का तो जायजा लिया ही साथ ही सर्दी में सैनिकों के राशन, खाने-पीने, बैरक और दूसरे लॉजिस्टिक और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी समीक्षा की थी. ये इसलिए क्योंकि अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख में जमकर बर्फ पड़नी शुरू हो जाएगी और तापमान माइनस (-) 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल बीजेपी के दिग्गज नेता जिसे मायावती राखी बाधा करती थी लालजी टंडन नहीं रहे

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उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीजेपी के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को 85 साल की उम्र में निधन हो गया. लालजी टंडन ऐसे नेता थे, जिन्हें बसपा प्रमुख मायावती सत्ता में रहते हुए राखी बांधने उनके घर जाया करती थीं.

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को लखनऊ में निधन हो गया है. लालजी टंडन का पिछले काफी द‍िनों से लखनऊ के मेदांता अस्‍पताल में इलाज चल रहा था. वो उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते थे. बीएसपी के भीतर ही नहीं बल्कि दूसरे दल के लोग भी मायावती को बहनजी ही बुलाते हैं. इन्हीं में से एक लालजी टंडन भी थे, जिन्हें बसपा प्रमुख मायावती बकायदा राखी बांधने उनके घर जाया करती थीं.

बसपा और बीजेपी के गठबंधन के पीछे लालजी टंडन की अहम भूमिका थी. लालजी टंडन कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के मुंहबोले भाई हुआ करते थे. चौक की पुरानी गलियों में मायावती बतौर मुख्यमंत्री दो बार टंडन को राखी बांधने उनके घर गईं. 22 अगस्त 2002 को मुख्यमंत्री रहते हुए मायावती ने बीजेपी नेता लालजी टंडन को राखी बांधी थी. वो राखी भी कोई आम राखी नहीं बल्कि चांदी की राखी थी.

दरअसल, 1995 में लखनऊ का गेस्ट हाउस कांड के दौरान मायावती की जान खतरे में पड़ी, तब भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी और लालजी टंडन मौके पर पहुंचे थे. बीजेपी नेता उमा भारती ने खुद एक बयान में कहा था कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी और लालजी टंडन ने भाजपा कार्यकर्ताओं की मदद से मायावती उस समय बचाया था. इसके बाद मायावती ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री बनी थी. यहीं से मायावती और लालजी टंडन के बीच भाई-बहन का रिश्ता कायम हुआ.

मायावती लालजी टंडन को राखी बांधते हुए

लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है. 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है. इसके बाद लालजी 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. बसपा सुप्रीमो मायावती उन्हें अपने बड़े भाई की तरह मानती थीं और राखी भी बांधा करती थीं. 1997 में वह प्रदेश के नगर विकास मंत्री रहे. लालजी टंडन के निधन पर मायावती ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की है.

लालजी टंडन संघ से सियासत में आए और पार्षद से सांसद और राजभवन तक का सफर तय किया था. लालजी टंडन खुद कहा करते थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में उनके साथी, भाई और पिता तीनों की भूमिका अदा की है. अटल के साथ उनका करीब 5 दशकों का साथ रहा. इतना लंबा साथ अटल का शायद ही किसी और राजनेता के साथ रहा हो.

लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को हुआ था. अपने शुरुआती जीवन में ही लालजी टंडन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे. उन्होंने स्नातक तक पढ़ाई की. इसके बाद 1958 में लालजी का कृष्णा टंडन के साथ विवाह हुआ. उनके बेटे गोपाल जी टंडन इस समय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री हैं. संघ से जुड़ने के दौरान ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनकी मुलाकात हुई. लालजी शुरू से ही अटल बिहारी वाजपेयी के काफी करीब रहे. यूपी की सियासत में लालजी टंडन की अहम भूमिका हुआ करती थी.

लालजी टंडन का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ. टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे. 1978 से 1984 तक और 1990 से 1996 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे. इस दौरान 1991-92 में बीजेपी सरकार में मंत्री बने.

1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. कल्याण सिंह से लेकर राजनाथ सिंह तक की सरकार में मंत्री रहे और 2009 में लखनऊ से सांसद चुने गए. इसके बाद लालजी टंडन को साल 2018 में बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और फिर कुछ दिनों के बाद मध्य प्रेदश का राज्यपाल बनाया गया था.

लालजी टंडन ने अपनी किताब 'अनकहा लखनऊ' में कई खुलासे किए. इसमें उन्होंने पुराना लखनऊ के लक्ष्मण टीले के पास बसे होने की बात कही थी. उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि लक्ष्मण टीला का नाम पूरी तरह से मिटा दिया गया है, अब यह स्थान टीले वाली मस्जिद के नाम से जाना जा रहा है. लालजी टंडन ने पार्षद से लेकर कैबिनेट मंत्री और दो बार सांसद तक का 8 दशक से अधिक का सामाजिक एवं सियासी सफर दर्ज किया है.

लालजी टंडन के अनुसार, लखनऊ के पौराणिक इतिहास को नकार 'नवाबी कल्चर' में कैद करने की कुचेष्टा के कारण यह हुआ. लक्ष्मण टीले पर शेष गुफा थी, जहां बड़ा मेला लगता था. खिलजी के वक्त यह गुफा ध्वस्त की गई. बार-बार इसे ध्वस्त किया जाता रहा और यह जगह टीले में तब्दील हो गई. औरंगजेब ने बाद में यहां एक मस्जिद बनवा दी.


बिहार में आज से फिर 15 दिनों का लॉकडाउन, जानिए गाइडलाइन और क्‍या मिलेगी छूट

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बिहार:  ढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार में आज से 31 जुलाई तक फिर लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। 31 जुलाई तक लागू इस लॉकडाउन के दौरान पूरी सख्ती बरती जाएगी। अनावश्‍यक सड़क पर निकले लोगों के वाहन जब्त होंगे तो बिना मास्क पकड़े जाने पर जुर्माना भी भरना पड़ेगा। 



लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का सख्त निर्देश


बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार और पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी-एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने क्षेत्र की स्थिति का आकलन बेहतर तरीके से कर सकते हैं। उन्हें पता है कि कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए राज्य में फिर से लॉकडाउन का फैसला किया है। अधिकारी इस दौरान पूरी सख्ती बरतें। आवश्यक काम से जाने वालों को बेवजह परेशान ना किया जाए, ना ही अनावश्यक घूमने वालों के प्रति नरमी दिखाई जाए। जिस मकसद के लिए लॉकडाउन लगाया गया है वह पूरा होना चाहिए।



जिनके पास अनुमति हो , उनपे नहीं बना सकते दबाव 

गृह विभाग के आदेश का हवाला देकर अधिकारियों को हिदायत दी गई कि नियमों का पालन कर जो दुकानें खुल रही हैं और जिन्हें इसके लिए अनुमति है, उन पर बंदी का दबाव ना बनाएं।


इनपर लगाया गया है प्रतिबंध


-कंटेनमेंट जोन में सभी तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी।

- राज्य सरकार तथा भारत सरकार के कार्यालय, अर्धसरकारी कार्यालय और सार्वजनिक निगमों के कार्यालय बंद रहेंगे। सिर्फ बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सिंचाई, खाद्य वितरण, कृषि एवं पशुपालन विभागों को छूट दी गई है।

-राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां बंद रहेंगी।

- शॉपिंग मॉल भी बंद रहेंगे।


किसे मिली है छुट , जानिए 

- सभी अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों और कार्यों को छूट दी गई है।

- फल, सब्जी, अनाज, दूध, मांस-मछली आदि के दुकानें खुली रहेंगी। हालांकि, प्रशासन इनकी होम डिलिवरी की हर संभव व्यवस्था करने की कोशिश करेगा।


- बैंक और एटीएम खुले रहेंगे।

- होटल, रेस्त्रां या ढाबे खुलेंगे, लेकिन वे केवल पैकिंग की सर्विस देंगे।

-रेल व हवाई सफर जारी रहेगा। आटो व टैक्सी पूरे राज्य में संचालित रहेंगे। जरूरी सेवाओं के लिए प्राइवेट गाड़ियों का संचालन किया जा सकता है। शेष ट्रांसपोर्ट सर्विस बाधित रहेगी।


 -मोबाइल शॉप, रिपेयरिंग शॉप, गैराज, मोबाइल रिपेयरिंग शॉप खोलने की अनुमति जिला प्रशासन के स्तर पर दी जा सकेगी।

- पुलिस, सुरक्षा और आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगी।


- सेना, केंद्रीय सुरक्षा बल, कोषागार, सार्वजनिक उपयोगिता (पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी), आपदा प्रबंधन, ऊर्जा क्षेत्र, डाकघर, बैंक, एटीएम और मौसम विभाग जैसी चेतावनी देने वाली एजेंसियां लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी।

CBSE नतीजों पर नाखुश छात्रों से PM मोदी ने क्या कुछ कहा है, जानिए क्या सलाह दी

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नयी दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कल 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस बार दसवीं का रिजल्ट 91.46 प्रतिशत रहा है. वहीं इस रिजल्ट में जिन छात्रों के हाथ असफलता लगी है उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हौंसला दिया है। 

बता दें कि बुधवार को सीबीएसई ने 10वीं का रिजल्ट जारी किया है. इसमें लड़कियों के पास होने का परसेंटेज लड़कों की तुलना में 3.17 फीसदी अधिक रहा और कुल 91.46 फीसदी छात्र पास हुए।  
इस साल 10वीं कक्षा में कुल 91.46 फीसदी छात्र पास हुए, जबकि 2019 में 91.10 फीसदी छात्र पास हुए थे. यानी, पिछले साल की तुलना में इस साल 0.36 फीसदी अधिक छात्र पास हुए। 



पीएम मोदी ने ट्वीट कर ऐसे छात्रों को निराश न होने की सलाह दी.






मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, "10वीं और 12वीं की सीबीएसई परीक्षा में पास मेरे युवा साथियों को बधाई. मैं आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं." उन्होंने कहा कि जो इन परिणामों से खुश नहीं हैं उनसे वे कहना चाहते हैं कि एक परीक्षा यह परिभाषित नहीं करती कि वे कौन हैं. पीएम मोदी ने कहा, "आप सभी में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है. जिंदगी को जी भर कर जियें. उम्मीद का दामन कभी मत छोड़िये, हमेशा भविष्य की ओर देखिए. आप सब चमत्कार करोगे."



पति-पत्नी पर लाठीचार्ज के वायरल वीडियो पर शिवराज की कार्रवाई, कलेक्टर-एसपी और आईजी को हटाया

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भोपालः मध्यप्रदेश के गुना में सरकारी जमीन पर खेती कर रहे किसान पति-पत्नी ने आत्महत्या की कोशिश करने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
 


शिवराज सरकार ने जिले के कलेक्टर, एसपी और ज़ोन के आईजी को हटाकर घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। 


वायरल विडियो को ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना जिले से जोड़ कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था, 
\जिसके बाद सिंधिया ने सीएम शिवराज से इस बारे में बात की और देर रात अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी.


क्या है पूरा माजरा? 

गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे,दो दिन पहले गुना प्रशासन के अधिकारी पुलिस दल के साथ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे। 

मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया.


राजकुमार ने विरोध किया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया. राजकुमार ने इस दौरान बताया कि ये उसकी पैतृक जमीन है और यहीं उसके दादा-परदादा के वक्त से ही खेती करते आ रहे हैं. अहिरवार ने साथ ही माना कि उसके पास जमीन का पट्टा नहीं है.


कर्ज लेकर कर रहे थे खेती 

अहिरवार के बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की. इसी दौरान, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया.


उन्होंने कहा कि जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया और फिर उन्होंने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बुवाई की. उन्होंने कहा कि अब जब फसल अंकुरित हो आई है, तो इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया. अहिरवार ने कहा कि उनके परिवार में 10-12 लोग हैं और ऐसे में उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.

इस घटना के बारे में गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा, “भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था. उस वक्त जो बटाईदार हैं, उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया. उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है.” 

अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है। 


अमेरिकी सांसदो ने लिखा ट्रम्प को पत्र, भारत की तरह कदम उठाने के लिए कर रहे प्रयास

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25  अमेरिकी सांसदो ने ट्रम्प को पत्र लिखकर कहा है कि भारत ने टिक-टॉक सहित 59 apps को बन करके बड़ा कदम उठाया है ,
अतः आप भी डेटा और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए इन apps पर बड़ा फैसला ले। 

ट्विटर पे अबतक का सबसे बड़ा साइबर हमला , बराक ओबामा , जेफ बेज़ोस , और एप्पल जैसे ब्लू ट्रिक वाले बड़े यूजर के अकाउंट हैक हुए |

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पे अबतक का सबसे बड़ा साइबर अटैक हुआ है , जिसमें दर्जनों अकाउंट को हैकर्स ने निशाना बनाया , सभी अकाउंट पे लगभग एक तरह की पोस्ट हुई थी जिसमें बिटकॉइन से पैसे दोगुना करने की बात कही गई है , ट्विटर ने इस में कहा जल्द ही जांच होगी और सब पहले जैसे हो जाएगा
पूरा मामला 
दुनिया के दिग्गज नेताओं, सेलेब्रिटी, कारोबारी और कंपनियों के ट्विटर अकाउंट को हैक कर लिया गया. 15 जुलाई की रात को. जिन अकाउंट्स को निशाना बनाया गया उनमें माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, अमेरिकी रैपर कान्ये वेस्ट, अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, वॉरेन बफेट, ऐपल, ऊबर समेत और कई ट्विटर अकाउंट थे.


टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क के अकाउंट से किए गए ट्वीट में कहा गया कि अगले एक घंटे तक बिटकॉइन में भेजे गए पैसों को दोगुना करके वापस लौटाया जाएगा.

हैकरों ने  माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘हर कोई मुझसे समाज को वापस देने को कह रहा है और अब समय आ गया है. मैं अगले 30 मिनट तक बीटीसी एड्रेस पर भेज गए सभी पेमेंट को दोगुना कर रहा हूं. आप एक हजार डॉलर भेजिए और मैं आपको दो हजार डॉलर वापस भेजूंगा.’ ऐपल के अकाउंट से भी इसी तरह का ट्वीट किया गया

फिलहाल अभी तक पता नहीं चल पाया किसने ऐसा किया है .

डॉ कफील खान की आज सुनवाई थी , टाल दी गई, कारण जाने

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में  डॉक्टर कफील खान पर लगायी गई थी  एनएसए , बता दें कि एएमयू में सीएए को लेकर 15 दिसंबर को हुए बवाल के बाद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर कफील खान छात्रों के समर्थन में विश्वविद्यालय पहुंचे थे। इस मामले में सुनवाई आज उच्च न्यायालय इलाहाबद में  होनी थी लेकिन टाल दी गई  ।
कारण
बताया जा रहा उच्च न्यायालय में कोरोना संक्रमित पाए जाने के वजह से आज पूरे उच्च न्यायालय को सेनेटाइज किया जा रहा है , इस वजह से डॉ काफिल खान की सुनवाई आज टल गई

कानपुर पुलिस के सामने से किडनैपर 30 लाख रुपया ले के फरार घर बेच के परिजन पैसा इकट्ठा किए थे

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पिछले कुछ दिनों से कानपुर की पुलिस काफ़ी चर्चा में है विकास दुबे कांड के वजह से अब एक नया मामला सामने आया है एक परिवार ने 14 जुलाई को SSP office के सामने धरना दिया , कारण परिवार के एक सदस्य का 22 दिन पहले अपहरण हो गया था और अभी तक पुलिस अपहरण करने वालो तक नहीं पहुंच पाई आरोप ये भी है कि पुलिस की मौजूदगी में किडनैपर 30 लाख रुपया लेके फरार हो गया और पुलिस कुछ नहीं कर पाई
पूरा मामला
मामला कानपुर के बर्रा इलाके का है., 22 जून की शाम संजीत यादव नाम का एक व्यक्ति गायब हो गया. वो 29 बरस का था. बर्रा का रहने वाला था. एक पैथोलॉजी लैब में काम करता था. काम से ही शाम के वक्त घर लौट रहा था, लेकिन घर पहुंचा नहीं. फिर कुछ दिन बाद उसके परिवार के पास एक फोन आया. कॉल करने वाले ने बताया कि संजीत को उसने किडनैप कर लिया है. उसे छोड़ने के बदले में 30 लाख रुपए मांगे. 15 बार फोन किया.संजीत के परिवार से रंजय सिंह ने बात की. संजीत की बहन रुचि ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस को किडनैपर के कॉल के बारे में जानकारी दी, तब गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करके पुलिस ने उनसे कहा,
की पैसों का इंतजाम करके आप किडनैपर को देने जाए और हम उसी वक्त उस पकड़ लेंगे
ये पुलिस की प्लानिंग थी , और उन्होंने किया भी ऐसे ही किडनैपर के बताए जगह पे पैसे लेकर पुलिस के साथ उनके पिता पहुंच गए , किडनैपर ने हाईवे के नीचे पैसे फेकने को कहा उन्होने पैसे फ़ेंक दिए और किडनैपर पैसा लेके भाग गया पुलिस पकड़ नहीं पाई
रूचि ( संजीत की बहेन )मीडिया से बताया
“पुलिस ने पैसों का इंतज़ाम करने कहा, तो हमने हमारा घर बेच दिया. मेरी शादी के लिए जो पैसे जोड़कर रखे थे, वो लगा दिए. गहने बेच दिए. पैसे बैग में रखकर मेरे पिता किडनैपर को देने गए. 30 मिनट तक किडनैपर उनसे फोन पर बात करता रहा. हाईवे पर बुलाया. पुलिस को क्या इतना समझ नहीं आ रहा था कि वो हाईवे से नीचे बैग फेंकने कह सकता है. हमने तो साउथ SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) अपर्णा मैम से भी कहा था कि वो बैग में कोई चिप लगा दें, ताकि असली किडनैपर तक पहुंचा जा सके. लोकेशन का पता चले. मैडम ने हमें हड़का दिया था, कहा था कि इतनी छोटी-छोटी बातें लेकर क्यों आ रही हो. हमारे पैसे चले गए, भाई भी नहीं आया. मुझे मेरा भाई चाहिए.”
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