शिवराज सरकार ने जिले के कलेक्टर, एसपी और ज़ोन के आईजी को हटाकर घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
वायरल विडियो को ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना जिले से जोड़ कर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा था,
\जिसके बाद सिंधिया ने सीएम शिवराज से इस बारे में बात की और देर रात अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी.
क्या है पूरा माजरा?
गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे,दो दिन पहले गुना प्रशासन के अधिकारी पुलिस दल के साथ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे।
मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया.
राजकुमार ने विरोध किया तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया. राजकुमार ने इस दौरान बताया कि ये उसकी पैतृक जमीन है और यहीं उसके दादा-परदादा के वक्त से ही खेती करते आ रहे हैं. अहिरवार ने साथ ही माना कि उसके पास जमीन का पट्टा नहीं है.
कर्ज लेकर कर रहे थे खेती
अहिरवार के बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की. इसी दौरान, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया.
उन्होंने कहा कि जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया और फिर उन्होंने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बुवाई की. उन्होंने कहा कि अब जब फसल अंकुरित हो आई है, तो इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया. अहिरवार ने कहा कि उनके परिवार में 10-12 लोग हैं और ऐसे में उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है.
इस घटना के बारे में गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा, “भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था. उस वक्त जो बटाईदार हैं, उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया. उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है.”
अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है।
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