पिछले कुछ दिनों से कानपुर की पुलिस काफ़ी चर्चा में है विकास दुबे कांड के वजह से अब एक नया मामला सामने आया है एक परिवार ने 14 जुलाई को SSP office के सामने धरना दिया , कारण परिवार के एक सदस्य का 22 दिन पहले अपहरण हो गया था और अभी तक पुलिस अपहरण करने वालो तक नहीं पहुंच पाई आरोप ये भी है कि पुलिस की मौजूदगी में किडनैपर 30 लाख रुपया लेके फरार हो गया और पुलिस कुछ नहीं कर पाई
पूरा मामला
मामला कानपुर के बर्रा इलाके का है., 22 जून की शाम संजीत यादव नाम का एक व्यक्ति गायब हो गया. वो 29 बरस का था. बर्रा का रहने वाला था. एक पैथोलॉजी लैब में काम करता था. काम से ही शाम के वक्त घर लौट रहा था, लेकिन घर पहुंचा नहीं. फिर कुछ दिन बाद उसके परिवार के पास एक फोन आया. कॉल करने वाले ने बताया कि संजीत को उसने किडनैप कर लिया है. उसे छोड़ने के बदले में 30 लाख रुपए मांगे. 15 बार फोन किया.संजीत के परिवार से रंजय सिंह ने बात की. संजीत की बहन रुचि ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस को किडनैपर के कॉल के बारे में जानकारी दी, तब गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करके पुलिस ने उनसे कहा,
की पैसों का इंतजाम करके आप किडनैपर को देने जाए और हम उसी वक्त उस पकड़ लेंगे
ये पुलिस की प्लानिंग थी , और उन्होंने किया भी ऐसे ही किडनैपर के बताए जगह पे पैसे लेकर पुलिस के साथ उनके पिता पहुंच गए , किडनैपर ने हाईवे के नीचे पैसे फेकने को कहा उन्होने पैसे फ़ेंक दिए और किडनैपर पैसा लेके भाग गया पुलिस पकड़ नहीं पाई
रूचि ( संजीत की बहेन )मीडिया से बताया
“पुलिस ने पैसों का इंतज़ाम करने कहा, तो हमने हमारा घर बेच दिया. मेरी शादी के लिए जो पैसे जोड़कर रखे थे, वो लगा दिए. गहने बेच दिए. पैसे बैग में रखकर मेरे पिता किडनैपर को देने गए. 30 मिनट तक किडनैपर उनसे फोन पर बात करता रहा. हाईवे पर बुलाया. पुलिस को क्या इतना समझ नहीं आ रहा था कि वो हाईवे से नीचे बैग फेंकने कह सकता है. हमने तो साउथ SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) अपर्णा मैम से भी कहा था कि वो बैग में कोई चिप लगा दें, ताकि असली किडनैपर तक पहुंचा जा सके. लोकेशन का पता चले. मैडम ने हमें हड़का दिया था, कहा था कि इतनी छोटी-छोटी बातें लेकर क्यों आ रही हो. हमारे पैसे चले गए, भाई भी नहीं आया. मुझे मेरा भाई चाहिए.”
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